Ola Electric की राह में नई मुश्किल: सर्विस का संकट

इलेक्ट्रिक स्कूटर की दुनिया में ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी खास जगह बनाई है। लेकिन अब कंपनी मुश्किल में घिरती नज़र आ रही है। सेल्स में तेज़ी के बावजूद सर्विस सेंटर्स की कमी और कस्टमर्स की नाराज़गी ने ओला के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। इतना ही नहीं, सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है। आखिर क्या है यह माजरा, और ओला के सामने क्या चुनौतियाँ हैं? चलिए जानते हैं।
Sales तेज़, लेकिन Service पीछे
ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर सड़कों पर खूब दिख रहे हैं। कंपनी ने बिक्री के मामले में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन सर्विस के मोर्चे पर वह उतनी मज़बूत नहीं दिख रही। कई कस्टमर्स ने शिकायत की है कि उनके स्कूटर की डिलीवरी में देरी हुई, और खराबी आने पर सर्विस सेंटर्स तक पहुँचना मुश्किल हो गया। कुछ जगहों पर तो शोरूम्स हैं, लेकिन रिपेयर के लिए कोई ठोस इंतज़ाम नहीं। एक ग्राहक ने बताया कि उनका स्कूटर हफ्तों तक ठीक नहीं हुआ, क्योंकि ज़रूरी पार्ट्स ही उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में सवाल उठता है – क्या ओला सिर्फ बिक्री बढ़ाने में लगी है, और सर्विस को भूल गई है?
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Government की नज़र: सख्ती की तैयारी
इस बढ़ती नाराज़गी को देखते हुए सरकार ने भी कदम उठाना शुरू कर दिया है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस भेजा है, जिसमें कस्टमर शिकायतों और सर्विस की खामियों पर जवाब माँगा गया है। सरकार का मानना है कि अगर ये हालात नहीं सुधरे, तो लोगों का भरोसा इलेक्ट्रिक वाहनों से उठ सकता है। यह न सिर्फ ओला, बल्कि पूरी EV इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है। क्या ओला इस दबाव को झेल पाएगी?
आगे की राह: सुधार की ज़रूरत
ओला इलेक्ट्रिक के सामने अब चुनौती है कि वह अपनी कमियों को जल्द से जल्द दूर करे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी को सर्विस सेंटर्स की संख्या बढ़ानी चाहिए, खासकर छोटे शहरों में। साथ ही, पार्ट्स की सप्लाई को भी तेज़ करना होगा। अगर ओला इन कदमों को उठाती है, तो वह न सिर्फ कस्टमर्स का भरोसा जीत सकती है, बल्कि मार्केट में अपनी पकड़ और मज़बूत कर सकती है। यह वक्त ओला के लिए एक टेस्ट है – क्या वह सिर्फ सेल्स की चमक दिखाएगी, या सर्विस में भी चैंपियन बनेगी?
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